शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

मसला-ए-"चोर गुरू"

साथियों,
पिछले दिनों सी.एन.इ.बी. न्यूज चैनल पर अपने विश्ववविद्यालय के मीडिया विभाग के प्रमुख अनिल राय अंकित पर एक कार्यक्रम "चोर गुरू" दिखाया गया जिसमे कहा गया कि उन्होंने चोरी करके एक साल में बारह पुस्तकें लिखी हैं. बाद में उपलब्ध होने पर यह कार्यक्रम हम छात्र-छात्राओं द्वारा भी देखा गया क्योंकि यह हमारे विभाग का मामला था और हमारे भविष्य को प्रभावित करने वाला भी लिहाज़ा हमने इसे देखा भी और आपस में इस विषय पर बात-चीत भी की पर हमारे कुछ छात्र मित्रों द्वारा हमारा इस फिल्म को देखना विश्वविद्यालय विरोधी लगा और उन्होंने सुनियोजित ढंग से एक विद्यार्थी के खिलाफ़ प्रशासन को पत्र लिखा या उनसे लिखवाया गया जिसे हम यहाँ सार्वजनिक कर रहे हैं.
अगर आप उस कार्यक्रम को देखना चाहते हैं तो
mgahvreporter@gmail.com पर सम्पर्क करके प्राप्त कर सकते हैं ताकि इस पर सार्वजनिक बहस की जा सके कि विश्वविद्यालय में व्याप्त गड़बडियों पर बात-चीत करना कितना विश्वविद्यालय विरोधी है?









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