अजित राय के तीसरे चीयर्स का स्वाद भी बिगड़ गया है। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्री हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति विभूति नारायण राय ने इस खबर से इनकार किया है कि अजित राय को उन्होंने सलाहकार नियुक्त किया है। राय के एक करीबी मित्र के हवाले से मिली खबर के मुताबिक अजित राय के कथित एसएमएस, जिसमें अजित राय ने वर्धा विवि के कुलपति के सलाहकार होने की खबर प्रसारित की थी, के बारे में जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अजित राय को इसके लिए फटकार भी लगायी। जैसा कि वीएन राय के करीबी मित्र ने बताया, विश्वविद्यालय में ऐसा कोई पद है ही नहीं। न ही कुलपति के अधिकार में इस तरह के पद का सृजन करना है। और अगर ऐसा होता भी, तो वीएन राय के मुताबिक, उन्हें किसी सलाहाकार की जरूरत नहीं है। जरूरत होगी भी तो वे अजित राय जैसे अयोग्य लोगों को कतई इंटरटेन नहीं करेंगे।पर ये कुलपति नहीं बिना पड़ी के लोटा और तानाशाह है अभी हाल में जो नियुक्तिया हुई है उसमे घपला कर इसने कई नए करो को लाया है ताकि कई कर मिलकर संगठित रह सकें. आने वाली छात्रों की प्रवेश परीक्षा में भी दलितों के साथ वही होने वाला है जो काम्बले के साथ हुवा था.
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